Zero Percent Interest Loan Truth in Hindi
आजकल ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइटों, मोबाइल कंपनियों, और इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड्स द्वारा एक टर्म बहुत सुनने को मिलती है –
“0% Interest Loan” या “बिना ब्याज का लोन”।
यह ऑफर इतना आकर्षक लगता है कि ग्राहक तुरंत EMI पर सामान खरीदने को तैयार हो जाते हैं। लेकिन क्या वाकई में यह बिना ब्याज वाला लोन होता है?
इस ब्लॉग में हम इसी सवाल का सच, गणना, और जोखिम विस्तार से समझेंगे।
📌 0% Interest Loan क्या होता है?
0% ब्याज वाला लोन का मतलब यह होता है कि आपको किसी प्रोडक्ट या सर्विस की EMI में ब्याज नहीं देना होगा, यानी केवल मूल्य (Principal) का भुगतान करना होगा।
पर हकीकत यह है:
- यह एक मार्केटिंग टर्म होती है।
- इसमें कई बार हिडन चार्ज, प्रोसेसिंग फीस, या ब्याज को कीमत में ही जोड़ दिया जाता है।
🧾 उदाहरण से समझें – Zero Interest Loan की चाल
मान लीजिए आपने एक मोबाइल खरीदा जिसकी MRP ₹20,000 है।
खरीद का तरीका | EMI | अवधि | टोटल पेमेंट |
---|---|---|---|
बिना ऑफर (Full Price) | – | – | ₹20,000 |
0% ब्याज लोन | ₹2,500 | 8 महीने | ₹20,000 + ₹999 (फीस) = ₹20,999 |
👉 यहां ब्याज अलग से नहीं लिया गया, लेकिन ₹999 की प्रोसेसिंग फीस जोड़ दी गई।
👉 Effective ब्याज दर 5-6% के आसपास बन गई।
❗ 0% लोन ऑफर में क्या-क्या छुपा होता है?
- प्रोसेसिंग फीस – ₹500 से ₹2000 तक
- डॉक्यूमेंट चार्ज
- डिलीवरी चार्ज
- डाउन पेमेंट अनिवार्य
- Hidden ब्याज दर (इनबिल्ट प्राइस में)
- Late EMI charges – 3% से 5% तक
🧐 क्यों देते हैं कंपनियां 0% ब्याज पर लोन?
- यह एक सेल्स बढ़ाने की रणनीति (Marketing Strategy) है।
- ग्राहक बिना सोचे-समझे खरीदारी करते हैं।
- कंपनियां बैंक/फाइनेंसर को पहले से ही ब्याज का हिस्सा देती हैं।
- लाभ प्रोडक्ट के रेट में ही जोड़ दिया जाता है।
🧮 EMI कैलकुलेशन में असल सच्चाई कैसे जानें?
EMI = [Loan Amount + Hidden Charges] / Months
यदि आप ₹30,000 के मोबाइल पर 0% ब्याज में 10 महीने की EMI ₹3,300 दे रहे हैं,
तो कुल दे रहे हैं = ₹33,000 यानी ₹3,000 अतिरिक्त
👉 इस ₹3,000 में प्रोसेसिंग फीस + हिडन ब्याज होता है।
📊 0% ब्याज वाले लोन Vs सामान्य लोन की तुलना
तुलना बिंदु | 0% ब्याज लोन | सामान्य लोन |
---|---|---|
ब्याज | 0% (दिखावटी) | 10-16% |
प्रोसेसिंग फीस | ज़्यादातर लागू | लागू |
डाउन पेमेंट | अनिवार्य | वैकल्पिक |
ट्रांसपेरेंसी | कम | ज़्यादा |
टोटल पेमेंट | ज्यादा (छिपे तरीके से) | सामने |
🛑 जोखिम और सावधानियां
- CIBIL Score पर असर: EMI मिस होने से स्कोर गिरता है
- प्री-क्लोजर पेनल्टी: समय से पहले पेमेंट करने पर अतिरिक्त चार्ज
- बीमा जोड़ दिया जाता है – बिना बताए
- कई बार बैंक NBFC के नाम पर आपका डेटा शेयर हो सकता है
✅ ऐसे पहचानें असली और नकली 0% लोन
संकेत | सावधानी |
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‘No Cost EMI’ लिखा है | चेक करें क्या प्रोडक्ट की कीमत MRP से ज्यादा है? |
प्रोसेसिंग फीस है? | Terms & Conditions में देखें |
बैंक कौन-सा है? | NBFC से लोन है या बैंक से? |
EMI बनते समय GST लगा या नहीं? | GST = ब्याज का संकेत हो सकता है |
💡 0% लोन कब सही विकल्प हो सकता है?
- जब प्रोडक्ट की कीमत मार्केट में समान हो
- प्रोसेसिंग फीस ना के बराबर हो
- EMI समय पर देने का भरोसा हो
- Hidden Charges न हो
- CIBIL स्कोर अच्छा है
📝 निष्कर्ष: 0% ब्याज लोन का सच
🔴 हकीकत में कोई लोन फ्री नहीं होता।
✅ कंपनियां या तो ब्याज को कीमत में जोड़ती हैं या चार्जेस में छुपाती हैं।
इसलिए कोई भी 0% ब्याज वाला लोन लेने से पहले:
- Total Payment की गणना करें
- Hidden Terms पढ़ें
- दूसरे बैंक से तुलना करें
- EMI Calculator का प्रयोग करें